Hydrogen Solar Panel : रात के अंधेरे में भी बिजली बनाता है ये सोलर पैनल, यहां जानें पूरी जानकारी!

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Hydrogen Solar Panel : नमस्कार दोस्तो! विज्ञान में सूर्य को ऊर्जा का मुख्य स्रोत कहा गया है जोकि अपने आप में असीमित ऊर्जा को समाए हुए है। दिन-व-दिन विशेषज्ञ इसी ऊर्जा को मानवहित के लिए कैसे इस्तेमाल में लाएं, इसके ऊपर आविष्कार और अध्ययन करते रहते हैं। सोलर सिस्टम भी उनकी इसी मेहनत का फल है।

लेकिन क्या आपको पता है कि अब सोलर पैनल रात में भी काम कर सकता है और अंधेरे में भी आपके घर, गली, मोहल्ले को उजागर कर सकता है? कौन-सा है ये सोलर पैनल और किस तकनीक पर काम करता है, जानेंगे इस लेख के माध्यमसे। पूरी जानकारी हमारे साथ अंत तक जुड़े रहें।

हाइड्रोजन सोलर पैनल – भविष्य का ईंधन

हाइड्रोजन सोलर पैनल नई तकनीक पर काम करता है। यह सोलर पैनल रात के अंधेरे में भी बिजली बनाने में सक्षम है। दिन के समय यह सोलर पैनल बिजली बनाते समय हाइड्रोजन गैस (H2) बनाता है और सूर्यास्त हो जाने के बाद इसी हाइड्रोजन गैस से रात्रि के समय बिजली बनाता है।

हाइड्रोजन सोलर पैनल एक एडवांस तकनीक का रूप है जो हाइड्रोजन गैस का इस्तेमाल करके बिजली बनता है। अब आप सोच रहे होंगे कि सूरज की रोशनी और इन सोलर पैनल के बीच ऐसा क्या होता है जिससे हाइड्रोजन गैस पैदा होती है? तो हम आपको बता दें कि दिन में जब यह हाइड्रोजन सोलर पैनल काम कर रहा होता है तब बिजली बनाने के साथ साथ पानी को दो हिस्सों में बांटता है। साथ ही साथ इस प्रक्रिया के दौरान हाइड्रोजन गैस को इकट्ठा करता रहता है।

रात में जब सूर्यास्त हो चुका होता है तो इसी एकत्रित हाइड्रोजन से यह सोलर पैनल बिजली बनाना शुरू कर देता है। हाइड्रोजन गैस को वैज्ञानिक भाषा मैं ‘भविष्य का ईंधन’ कहा गया है क्योंकि इसकी थोड़ी सी मात्र से काफी मात्रा में बिजली बनाई जा सकती है।

कैसे काम करता है हाइड्रोजन सोलर पैनल

यह जानना भी काफी ज्यादा दिलचस्प होगा कि आखिर इस सोलर पैनल में ऐसा क्या है जो बिना सूर्य की रोशनी के भी रात में उजाला दे सकता है। दरअसल हाइड्रोजन सोलर पैनल के पीछे इलेक्ट्रोड और गैस ट्यूब का सिस्टम लगाया जाता है। इस सिस्टम का काम होता है हवा में से नमी को सोखना। अब नामी या यूं कहें कि पानी हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का मिश्रण होता है। दिन के समय जब हाइड्रोजन सोलर पैनल बिजली बना रहा होता है, तो इस बिजली को इस पानी में प्रवाहित करके इसे हाइड्रोजन (H2) और ऑक्सीजन (O2) गैस में विभाजित कर लिया जाता है। इस प्रक्रिया मैं पैदा होने वाली हाइड्रोजन गैस को लगातार इकट्ठा किया जाता है और ऑक्सीजन गैस को वापस वातावरण में छोड़ दिया जाता है।

अब रात के समय जब सूरज छिप जाता है तब इकट्ठा की हुई हाइड्रोजन गैस ईंधन (फ्यूल) का काम करती है। इसका न केवल आप आप अपने घर की बिजली में बल्कि बस, कार, ट्रक में डीजल या पेट्रोल के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरह हाइड्रोजन सोलर पैनल काम करता है।

क्या है हाइड्रोजन सोलर पैनल की कीमत

हाइड्रोजन सोलर पैनल विकासशील चरण में है। मतलब अभी केवल विशेषज्ञ ही इस पर अपना अध्ययन कर रहे हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाली कुछ सालों बाद ही हाइड्रोजन सोलर पैनल भारत में वितरित होना शुरू हो जाएंगे।

हाइड्रोजन पैनल की कीमत इस समय सटीक नहीं बताई जा सकती। लेकिन ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि हाइड्रोजन पैनल की कीमत बाकी मौजूद पैनल्स के मुकाबले थोड़ी ज्यादा हो सकती है, क्योंकि इसमें एडवांस तकनीक शामिल है।

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